क्या एक्टर / सिंगर ( कलाकार ) जन्मजात होते हैं ? ...
कुछ
लोग कहते हैं कि “कोई
एक्टिंग सीख नहीं सकता... लोग जन्मजात एक्टर होते हैं।“ जबकि कुछ लोग कहते हैं कि “एक्टिंग
सीखनी पड़ती है।
आइये देखते हैं सॅच क्या हैं ?...
यहाँ मैं सिर्फ़ अपने कुछ विचार रखना चाहता
हूँ।
मेरा मानना है कि दुनिया का हर आदमी एक्टर है। लेकिन
फ़िल्मों या सीरियल में काम करने के लिए
सीखना जरुरी हैं ।
आप ख़ुद सोचिए...जन्म से कोई भी कुछ बनकर पैदा नहीं होता ।
न कोई डॉक्टर पैदा होता है, न इंजीनियर, न नेता, न लुटेरा,
न हलवाई और न ही एक्टर / सिंगर ।
समाज, परिवार के संस्कार और इन सबसे बढ़कर सम्बंधित
व्यक्ति की दृढ़ इच्छा शक्ति (रुझान) ही महत्वपूर्ण पहलू हैं, जिससे कोई
व्यक्ति कुछ बनता है।
कुछ तो कारण होता ही है कि कोई कुछ चाहकर भी
नहीं बन पाता !!
इसी तरह एक्टर बनना रुचि, दृढ़ इच्छा शक्ति, जुनून, पुरुषार्थ
और अवसरों को भुनाने की क्षमता पर निर्भर करता है।
दरअसल एक्टिंग को लोग बहुत हल्के में लेते हैं ।
जैसे अगर किसी ने डॉक्टर बनने का सोचा हैं। तो वो उसके लिए
मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी करता है।
और चयन के बाद कुछ साल डाक्टरी सीखने में लगाता हैं ।
या कोई इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, सिनेमेटोग्राफ़र, फ़ैशन डिज़ाइनर
का करियर चुनता है,
तो सबसे पहले यही प्लानिंग करता हैं की उसे
इस की शिक्षा लेनी जरुरी हैं।
फिर आप ये क्यूँ नहीं समझते की एक्टिंग या सिंगिंग करने के
लिए भी इन की बारीकियों को सीखना महत्वपूर्ण हैं.
जब की हमें
हुनरवाले काम जैसे कुकिंग, कटिंग,वेल्डिंग,ड्राइविंग, टेलरिंग, मैकेनिक, खेती,दुकानदारी आदी के
लिए भी सीखने की जरुरत परती हैं । फिर आप
जिस छेत्र में जाना चाहते हैं वो तो बहुत बड़ा छेत्र हैं। और आप के जैसे कड़ोरो इंसान उस छेत्र में स्टार
बनने की कामना करते रहते हैं।
लेकिन अफ़सोस यही है कि एक्टर / सिंगर बनने का “सोचते ही” सब एक्टर / सिंगर
बन जाते हैं। क्योंकि “उन्होंने “एक्टर / सिंगर” बनने का सोच लिया है” इसलिए वो एक्टर
हैं और उन्हें सीधा किसी फ़िल्म या सीरियल में काम चाहिए। दोस्तों ये जन्मज़ात एक्टर पैदा होने वाली सोच है।
लेकिन सच कहूँ, ऐसे ही लोग सबसे ज़्यादा लुटते हैं . क्योंकि
एक्टिंग / सिंगिंग तो उन्हें आती ही हैं ।
वो यही सोचते हैं की किसी डायरेक्टर की नज़र उन पर पड़ेगी और उन्हें हीरो बना देगा
। क्योंकि वे ख़ुद को जन्मज़ात एक्टर समझते हैं !! और यही गुमान रखते हैं . जिसके
चक्कर में मार्किट में घूम रहे किसी फ्रॉड इंसान के हाथ लग जाते हैं जो की खुद को
डायरेक्टर बताता हैं और अपनी फिल्म में
काम देने के नाम पे लाखो ऐठ लेता हैं। और फिर सालो चक्कर लगवाता है तब जा कर
उन्हें ठगे जाने का एहसाश होता हैं....मगर तब तक बहुत देर हो चूका होता हैं।
और फिर उस कलाकार की नज़र में सारी दुनिया फ्रॉड बन जाती हैं। ..
जबकि सब को पता हैं आजकल शूटिंग के ख़र्च का सही आंकलन करना हम आम आदमी के बस की
बात नहीं।
क्योंकी अब ये गणना हमारी गणित से आगे हैं ,
मेरा मतलब हैं अब इस में कड़ोरो / अरबो खर्च होते हैं । आपका
एक भी रीटेक फ़िल्म की लागत बढ़ा देता है। इसलिए शूटिंग के दौरान कोई भी आपको
ग़लती कर-कर के सीखने का मौक़ा नहीं दे सकता। वहाँ प्रोफ़ेशनल एक्टर चाहिए, जो डायरेक्टर की
मरज़ी के मुताबिक तुरंत काम कर दें। इसीलिए अब एक्टर नहीं, बल्कि प्रोफ़ेशनल
एक्टर्स की ज़रूरत है। इसके लिए आपको अपनी भाषा और अपनी आवाज़ पर काम करना होगा।
अपने शरीर को चुस्त-फ़ुर्त और लचीला (Flexible) बनाने पर काम करना होगा। कैरेक्टर की आवश्यकता
के अनुरूप भावनाओं (Emotions) को सच्चाई से पेश करना सीखना होगा,कैमरे के लिए
एक्टिंग कैसे की जाती है, ये सीखना होगा। किस तरह हर इमोशन को आसानी से पेश किया जा
सके, किस तरह उस
कैरेक्टर में उतरकर उसके साथ एकाकार हुआ जा सके, किस तरह
लम्बे-चौड़े स्क्रिप्ट को याद किया जाएं,
किस तरह शूटिंग के दौरान ब्लॉकिंग और साथी कलाकारों का
ध्यान रखना है....और ये सारी बातें आप को सेट पर अब कोई नहीं सिखाता ।
डायरेक्टर सिर्फ़ डायरेक्टर होते हैं, वे ट्रेनर नहीं
होते !!
वे अपना काम अनाड़ी से भी निकलवा सकते हैं,
लेकिन वे आपको सेट पर ट्रेनिंग देने बैठेंगे। आप इस भरोसे
मत रहिए !! अब आप ही बताइये आपको कैसा
एक्टर बनना है - जिससे काम निकलवाना पड़े, या जो चुटकी में काम निकाल दे ?.... ये आप को तय करना हैं.. प्रोफ़ेशनल एक्टर / सिंगर बनना है या जन्मजात !!
अगर आप को प्रोफ़ेसनल एक्टर / सिंगर बनना हैं तो तैयारी आप को स्वयम करनी
होगी। मेरा मनना हैं की आप को ट्रेनिंग की
आवश्यकता हैं। जैसे लोगो को डॉक्टर
इंजिनीअर फ़ोर्स (किसी भी फिल्ड जिस में
इज्जत सोहरत दोनों है) बनने के लिए सालो सिखने की जरुरत हैं उसी तरह सम्पूर्ण
एक्टर / सिंगर बनने के लिए भी आप को ट्रेनिंग की आवशकता हैं.... जिसके लिए आपको पहले से ही तैयारी करनी होगी।
दोस्तों इज्जत सोहरत (नाम ) आसानी से नहीं होता , अगर नाम आसानी से
होता तो आज दुनिया में सभी का नाम होता सभी को दुनिया जानती। मगर ऐसा होता नहीं हैं। मेरा मानना ये है की नाम कामना तपश्या करने के
बराबर हैं। तपश्या तो आप जानते ही होंगे।
तो दोस्तों अगर आप में तपश्या करने की छमता हैं तो ही इस लाइन में आएं वरना आप अपना और हमारा समय बर्बाद
न करें । और कोई और छेत्र चुन उस में अपना किस्मत आजमाएं।
(धन्यबाद
)
मनोज
महेश्वर !!!
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